ऐ ख़ुदा! अरे मैं भी तेरा एक हिस्सा हूँ।

तू भूल गया है ख़ुदा मुझे,अरे मैं भी तेरा एक हिस्सा हूँ! अरे इतना भी क्या रोज़ का मरना?इतने भी क्या आँसू?मुझे इतना तो जी लेने दे ख़ुदा,कि मौत जो इक दिन आए, वो खाली हाथ न जाए। अरे खाली हाथ जो गई ये फ़िर से जीवन जीना होगा।इसी देह की मर्यादा में हरदुःख पीना…